हालात सिखाते है बाते सुनना और सहना
वरना हर शख़्स फ़ितरत से बादशाह ही होता है।
जिस झूठ पर आपने भरोसा किया.....वही आपका सत्य होता है !
वक्त उतना ही देना चाहिए किसी को जितनी जरूरत हो..... वरना...ना आपकी कदर होती है,ना आपके वक्त की..!
जिन्दगी का बहुत बडा रहस्य है की,हम जानते है हम किसके लिए जी रहे है...लेकिन ये कभी नहीं जान पाते,की हमारे लिए कौन जी रहा है !!
"छाते"और "दिमाग" की उपयोगिता तभी है जब दोनों खुले हों...वरना दोनों बोझ ही है...!!
"निंदा" से घबराकर अपने "लक्ष्य" को ना छोड़े क्योंकि "लक्ष्य" मिलते ही निंदा करने वालों की "राय" बदल जाती है...
गलती कबूल करने और गुनाह छोड़ने में कभी देर ना करें......!क्योकिं
सफर जितना लम्बा होगा
वापसी उतनी मुश्किल हो जायेगी...!!
ज़िंदगी ऐसे जियो की ख़ुद को पसंद आ जाए.....
दुनिया वालों की पसंद तो पल भर में बदलती हैं.!!!
कभी पत्थर की ठोकर से भी आती नहीं खरोंच.....कभी एक ज़रा सी बात से इन्सान बिखर जाता है.
जब जज़्बात दिमाग को शिकस्त देने लगे.....तब सब कुछ हालात पर छोड़ देना चाहिए!
एक मैं हूँ,ख़ुद को न समझ पाया आज तक.....
एक दुनिया है मेरे बारे में न जाने क्या क्या समझ गयी.....
रिश्तों को गलतियां उतना कमजोर नहीं करती.....
जितना कि गलतफहमियां कर देती हैं.
भीड़ में सब लोग अच्छे नहीं होते, और अच्छे लोगों की
भीड़ नहीं होती.
किताबों की अहमियत अपनी जगह है,पर.....सबक वही याद रहता है जो जिंदगी, वक़्त और लोग सिखाते है....
संघर्ष के समय कोई नजदीक नहीं आता.....और..
सफलता के बाद किसी को आमंत्रित नहीं करना पड़ता.....
मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों के हिस्से में ही आती हैं .....
क्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन तरीके से अंजाम देने की ताकत रखते हैं ।
अच्छा ज़रूर बनें मगर.....साबित करने की कोशिश ना करें.
चर्चा और आरोप.....ये दो चीजें.....
सिर्फ सफल व्यक्ति के भाग्य में होती है.
ख़ुद की समझदारी भी अहमियत रखती है,
वरना अर्जुन और दुर्योधन के गुरू तो एक ही थे.
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