एक कविता गर्मी के ऊपर:
गर्मी की लू चल रही है,
तपिश की आग जल रही है।
सूरज की किरणें जला रही हैं,
पेड़-पौधे सूख रहे हैं।
गर्मी की इस मार में,
लोग घरों में दुबके हैं।
पंखे और कूलर चल रहे हैं,
लेकिन गर्मी की गर्मी कम नहीं हो रही।
गर्मी की इस ऋतु में,
हमें पानी की कद्र करनी चाहिए।
पेड़-पौधों को पानी देना चाहिए,
ताकि वे हरे-भरे रहें।
गर्मी की इस मार से बचने के लिए,
हमें सावधानी बरतनी चाहिए।
धूप में निकलने से पहले,
सिर पर टोपी और चश्मा लगाना चाहिए।
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