मुझे जी खोलकर खर्च करो |
मैं अकेला कमाने के लिए काफ़ी हूँ |
जो जुर्म करते है वो इतने बुरे नही होते ।
लेकिन अदालत सजा न देकर उन्हें बिगाड़ देती है ।
देश मे बहोत तनाव है क्या..?
पता तो करो.. चनाव है क्या ?
दो गज़ सही मैरी मिलकियत तो है,
ए मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।
आग के पास कभी मोम ला कर देखूं..
तू इजाजत दे तो तुझे हाथ लगाकर देखूं
मन का मंदिर बडा़ वीरान नजर आता है,
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूं।
फैसला जो कुछ भी हो मन्ज़ूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क़ हों भरपूर होना चाहिएछोड़ कर जिसको गए थे आप कोई और था
अब मैं कोई हूं वापस तो आकर देखिए
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