google.com, pub-4617457846989927, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Learn to enjoy every minute of your life.Only I can change my life.: January 2017

Tuesday, January 31, 2017

Fresh Hindi jokes 2017

Must read these jokes for huge laughter
And also forward it to others for their precious smile:-
Haste rahe aur muskurate rahe aur visit karte rahe http://vijaymarwaha.blogspot.in/


अच्छे और बहुत अच्छे टीचर में अंतर:
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अच्छा टीचर वो है, जो परीक्षा में आपको कड़ी मेहनत करने की सलाह दे...
और बहुत अच्छा टीचर वो है, जो आपको परीक्षा के वक्त कहे - कंजरो ! पर्चियां चबा जाओ, चेकिंग वाले आ गए।
☝☝☝☝
कहानी आगे भी है.....
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जब सब ने पर्चियाँ चबा लीं तो टीचर सीट पर हँसते हुए जा बैठे और कहे कोई चेकिंग वाले नहीं आए... अब करो पेपर...

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शिक्षिका :- ओये इधर आ,काम है...
चपरासी :- मेडम प्लीज आप मुझे मेरे नाम से बुलाया कीजिये
शिक्षिका- माफ करना,क्या नाम है तुम्हारा ?
चपरासी :- प्राणनाथ
शिक्षिका :- ये नाम रहने दो घर पर किस नाम से पुकारते हैं तुम्हे?
चपरासी :- बालम
शिक्षिका :- ओ हो, मुहल्ले वाला नाम बताओ
चपरासी :- साजन कहते हैं सब मुझे
शिक्षिका :-में तुम्हे तुम्हारे सरनेम से बुलाउगी,सरनेम बताओ
चपरासी :- स्वामी
.
शिक्षिका बेहोश ..... 
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शरारती बच्चा :मास्टरजी  एक सवाल पूछें 
मास्टर जी      :हाँ हाँ पूछो ।
बच्चा          : हाथी को फ्रीज में कैसे रखेंगे ?
मास्टरजी  : बेवकूफ ,हाथी फ्रीज में नहीं जा
                  सकता है ।
बच्चा       : मास्टरजी फ्रीज बहुत बड़ा है ,
                पहले फ्रीज खोलेंगे और हाथी को
                अंदर डाल देंगे 
बच्चा   :       एक सवाल और पूछूँ ।
मास्टरजी :   हाँ हाँ पूछो ?
बच्चा        : गदहे को फ्रीज में कैसे रखेंगे ?
मास्टरजी : पहले फ्रीज खोलेंगे और गदहे को
                  उस में रख देंगे ।
बच्चा      :गलत जवाब,पहले हाथी को बाहर
            करेंगे फिर गदहे को फ्रीजमें रखेंगे
बच्चा  :        एक सवाल और पूछूँ?
मास्टरजी :    हाँ हाँ पूछो ।
बच्चा    : बंदर के जन्मदिन की पार्टी में सभी
            जानवर एवं जीव-जन्तु आए परन्तु
            एक जानवर नहीं आया । उसका
             नाम बतलायें ?
मास्टरजी : शेर नहीं आया होगा क्योंकि वह
                आता तो सभी को खा जाता !
बच्चा : फिर गलत जवाब,गदहा पार्टी में नहीं
          आया क्योंकि गदहे को तो हमने फ्रीज
           में बंद कर दिया  था   
बच्चा :  एक सवाल और पूछूँ ?
मास्टरजी :(गुस्से से )बोल हरामजादे ।
बच्चा :    रास्ते में एक नदी है जिसमें एक
             खतरनाक मगरमच्छ रहता है एवं
            उस नदी के ऊपर आने-जाने के लिए
           पुल भी नहीं है,आप नदी कैसे पार
            करोगे ?
मास्टरजी : मैं नाव लेकर नदी पार करूंगा !
बच्चा :        फिर गलत जवाब ।
मास्टर :      हरामजादे---बोल  कैसे ?
बच्चा  : मास्टरजी इतनी जल्दी नाव कहाँ से
              आपको मिलेगी ,तबतक तो आप
             नदी तैरकर भी पार कर लोगे ।
मास्टर :मगरमच्छ से तेरा बाप बचाएगा ?
बच्चा :मास्टरजी !आपकी इतनी फटती क्यों
          है? आपको तो पता है कि;सभी जीव -
           जानवर बंदर की Birthday पार्टी में
         गया हुआ है तो मगरमच्छ नदी में कैसे 
         आ जाएगा       
मास्टरजी बेहोश हो गए 
#हंसना_बाद_में_पहले_फारवर्ड_करो    
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दुनिया मे ऐसा कोई व्यवसाय ही नहीं है, जो चले नहीं...
यदि आप साँप बेचने की दुकान खोल लोगे तो भी,
लोग ये सोच कर खरीदेंगे कि
.
.
.
चलो पड़ोसी के घर में ही छोड़ देंगे...
इसी बहाने पड़ोसन बाहर तो आएगी

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एक बार एक ताऊ ने एक ताई छेड़ दी.. 
ताई ताऊ को गाली देने लग गयी.. 
पास से एक लड़का गुज़र रहा था बोला क्या
बात हो गयी ताउजी..?
ताऊ- कुछ नहीं बेटा,
पुराना ट्रांसफार्मर है.. 
चिन्गारी छोड़ रहा है।
        
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**Solid Insult**
एक लड़का भागते हुए एक लड़की के पास आया और बोला :
“मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ..!  ”
.
.
.
.
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लड़की : “तो हमारी दुश्मनी कब थी भैया..?” 
      
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पत्नी – “तुम कल पड़ोसन के साथ फिल्म देखने गए थे ?”....पति – “हाँ तो और क्या करूँ  ? …. आजकल की फ़िल्में फेमिली के साथ देखने लायक होती कहां हैं  ???”
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Wife - कोई नया शेर सुनाओ ? 
Husband - संगमरमर से तराशा… ख़ुदा ने तेरे बदन को..! 
.
Wife (खुशी से) - आगे..आगे....? 
Husband - बाकी बचा पत्थर उसने तेरी अक्ल पर रख दिया..! 
.
.
फिलहाल
Husband फरार है.

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पत्नी: आप बहुत भोले हैं... आपको कोई भी बेवकूफ बना देता है 
.
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पति: शुरुआत तो तेरे बाप ने की थी
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मास्टर जी :-क्या कोई बता सकता हैँ कि :-
भगवान ने लड़कियों को क्यों बनाया ??
.
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Pappu :- ताकि वो हम लड़को की Life बरबाद कर सके !!
.
.
मास्टर जी :- आँसू ला दिए तेरे जवाब ने
क्लास के बाहर मिल
शाम को दारू पीते हैँ साथ में...!!!
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पत्नी: मैं तुम्हारी याद में 15 दिन में....
आधी हो गई हूं...
मुझे कब लेने आ रहे हो...?
पति: 15 दिन बाद…!!
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सावन में लड़कियां मंदिर जाती हैं, अच्छा वर मांगने के लिए, पर शादी शुदा औरतें क्या करने जाती हैं?
हे भगवान क्या मांगा था और क्या दे दिया। 

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पप्पू☺पुलिस स्टेशन आया...
.  और बोला: मुझे अर्रेस्ट कर लो...
मैंने अपनी 邏पत्नी के सर
.     पर डंडा मारा है...
.       पुलिस: क्या वो樂 मर गई...
पप्पू螺: नहीं वो तो बच गई....
.     अब मेरी खैर नहीं॥...
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एक दम जोरदार
दुकानदार-बोलो साहब क्या चाहिए ?
ग्राहक-होने वाली बीबी के कुत्ते के लिए केक चाहिए ।
दुकानदार- यहीं खाओगे,या पैक करवा दूँ ?

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बाप – इतने कम मार्क्स… दो थप्पड़ मारने चाहिए…
पप्पू – हाँ पापा जल्दी चलो मैंने उस साले मास्टर का घर भी देख रखा हैं…
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पापा नाश्ता कर रहे थे..अचानक फोन बजा,
पापा – मेरे ऑफिस से होगा,पूछे तो बोल देना मैं घर पर नहीं हूँ
बेटी(फोन उठकर)- पापा घर पर ही हैं
पापा – अरे मैंने तो कहा था कि मना कर देना
बेटी – अरे फ़ोन मेरे लिए था..
पापा बेहोश…  
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न जाने वो मोबाइल फोन कब आएगा ?
जो थोड़ी थोड़ी देर बाद खुद
ही बोल पड़ेगा -
.
.
हे बेबी  ! चलो मुंह बनाओ।
सेल्फ़ी का वक़्त हो गया।
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वो तो हम भारतीयों का बस नहीं चलता
,
वरना
,
टूथपेस्ट की तरह
,
,
गैस सिलेंडर को तोड- मरोड के बची-कुची गैस भी निकाल ले☺ ☺ ☺   
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बेटा : पापा आप शराब मत पिया करो.
.
पापा : पीने दे बेटा, साथ क्या ले कर जाना है ?
.
.
बेटा : इसी तरह पीते रहे तो छोड़कर भी क्या जाओगे ?

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विवाह पत्रिका का मनुहार दोहा :-
भेज रहे हैं स्नेह निमंत्रण,
प्रियवर तुम्हे बुलाने को ,
पुराने नोट का लिफाफा लेकर,
तुम आ मत जाना खाने को ।

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
पत्नी ने पति को कहा:
प्लीज मेरी तरफ मुँह करके सो जाओ......
मुझे डर लग रहा है.....
हस्बैंड:
अच्छा!! बस अपनी ही चिंन्ता है .....
मैं भले ही डर डर के मर जाऊँ..

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प्रेमी - बेवफा तुने दिल
जला दिया,
मेरा दिल जला कर राख
कर दिया....
.
.
प्रेमिका - तेरी कुरबानी
बेकार नही जाऐगी,
भेज दे राख,बरतन माँजने
के काम आऐगी...   
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शेरों के यहाँ शादी थी...
तगड़ा वाला डांस चल रहा था.
डांस में एक कुत्ता भी मस्त होकर नाच रहा था.
अचानक एक शेर की निगाह उस पर पड़ी तो
उसने पूछा,
'कि तू शेरों की शादी में कैसे '...
कुत्ता नाचते हुए बोला... भाई,
शादी से पहले हम भी शेर हुआ करते थे...

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बहुत सी लड़किया इस तनाव में है कि मोदी जी कही आधी रात से ब्यूटी पार्लर न बंद करवा दे

क्योकि वहां भी Black से white धड़ल्ले से होता है।
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Wife - RAEES Dekhne chalein ?
Husband - Main us KAABIL nahi
Wife- Toh KAABIL chalein
Husband- Main Utna RAEES nahi
..........
Baad mein ghar me bacchon ne DANGAL dekha 
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जब अमिताभ बच्चन  ने  राष्ट्रीय गान गाया....
तो रेखा  गाना सुनकर बहुत प्रभावित हुई और खडी होकर अमिताभ को गले लगाने 珞 को लपकी........
अमिताभ ने जैसे ही रेखा को देखा वो आखिरी लाइन जोर जोर से गाने लगे...
जया है...जया है...जया है
अरे जया जया जया जया है....
रेखा वापिस बैठ गई।
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
एक आदमी
 अस्पताल में
आखिरी सांसें गिन रहा था।
एक नर्स
और उसके परिवार वाले
उसके बिस्तर के पास
खड़े थे।
आदमी
अपने बड़े बेटे से बोला:
-बेटा,
तू मेरे
मिलेनियम सिटी वाले
15 बंगले ले ले।
बेटी से बोला:
-बेटी,
तू सोनीपत सेक्टर 14 के
बंगले ले ले।
छोटे बेटे से बोला:
-तू सबसे छोटा है
और मुझे सबसे ज्यादा
प्यारा भी है,
इसलिए
तुझे मैं
ग्रीन पार्क की
20 दुकानें देता हूं।
आखिर में
आदमी
अपनी पत्नी से बोला:
-मेरे बाद
तुम्हें पैसों के लिए
किसी का मुंह न ताकना पड़े,
इसलिए
 डीएलएफ वाले
12 फ्लैट
 तुम अपने पास रख लो।
पास में खड़ी नर्स
यह सब सुनकर
आदमी की पत्नी से बोली:
-आप बहुत भाग्यशाली हैं कि आपको
इतने अमीर पति मिले,
जो इतनी सारी जायदाद देकर जा रहे हैं।
.
.
.
.
आदमी की पत्नी:
-कौन अमीर?
कैसी जायदाद?
अरे, ये पेपर वाला हैं...
हम सबको
सुबह-सुबह
पेपर ङालने की जिम्मेदारियां
बांट रहे हैं!!!
नर्स  आज तक कोमा मे है




Thank you.

Monday, January 30, 2017

Solve Fuzzy Set

1.The height h ( A) of a fuzzy set A is defined as h (A) = sup A ( X ) Where x belongs to A . Then  the fuzzy set A is  called normal when .
(A) h (A) = 0.
(B) h (A) < 0.
(C) h (A ) = 1.
(D) h (A) < 1.
Answer: C.

2.Fuzzy logic is a form of.
(A) Two - valued logic.
(B) Crisp set logic.
(C) Many - valued logic.
(D) Binary set logic.
Answer : C.

3.What is the Fuzzy  Approximation Theorem ( F A T ) ?
(A) A  fuzzy system can model any continuous system.
(B) The conversion of fuzzy logic to probability.
(C) A continuous system can model. any fuzzy system.
(D) Fuzzy patches covering a series of fuzzy rules.
Answer :  A.

4.Consider a fuzzy set old as defined below old = ( 20 , 0 ) , ( 30 , 0 , 2 ) , ( 40 , 0 ,4 ) , ( 50 , 0 , 6 ) ,
 ( 70 , 1) , ( 80 , 1 ).
Then the alpha -- cut for alpha = 0 , 4 for the set old will be.
(A) ( 40 , 0 , 3 ).
(B) ( 50 , 60 , 70 , 80 ).
(C) ( 20 , 01 ) (30 , 03 ).
(D) ( 20 , 0 ) , ( 30 , 0 ) , (40 , 1 ) , ( 50 , 1 ) , ( 60 , 1 ) , ( 70 , 1 ) ,( 80 , 1 ).
Answer :  D.

5.Equilibrium of  a fuzzy complement c is a solution of the equation .
(A) c (a ) -a = 1.
(B) c ( a ) -a = 2.
(C) c ( a ) = 2a.
(D) c ( a ) -a = 0.
Answer : D.

6.----------------- is a/ are the ways to represents uncertainty .
(A) Fuzzy logic5.
(B) Probability.
(C) Entropy.
(D) All of the mentioned.
Answer : D.

7. Intvolutive property of  the standard fuzzy complement C , for each a ? ( , ) is ----.
(A) c (c (a)) = c (a).
(B) c (c (a)) = 1.
(C) c(c (a)) = 0.
(D) c (c (a)) = a.
Answer : D.

8.How is Fuzzy logic different from conventional control methods ?
(A) IF and THEN Approach.
(B) For Approach.
(C) WHILE Approach.
(D) Do Approach.
Answer: A.

9.If A and B are two fuzzy sets with membership functions ? A  (X ) = ( 0.6 , 0.5 , 0.1 , 0.7 , 0.8 ) ?
B (X) = ( 0.9 , 0.2 , 0.6 , 0.8 , 0.5 ; ) Then value of ?
Complement  A ? B ( X ) will  be ).
(A) ( 0.9 , 0.5 , 0.6 , 0.8 , 0.8 ).
(B) ( 0.6 , 0.2  , 0.1 ,  0.7 , 0.5).
(C) ( 0.1 , 0.5 , 0.4 , 0.2 , 0.2 ).
(D) (0.1 , 0.5 , 0.4  , 02 , 03 ).
Answer: C.

10.Given  U = ( 1 , 2 , 3 , 4 , 5 , 6 , 7 ) A  = ( 3 , 0 , 7 ) , ( 5 , 1 ) , ( 6 , 0 , 8 ).
then  A will be : (Where $ ? complement ).
(A) ( 4 , 0 , 7 ) , ( 2 , 1 ) , ( 1 , 0 , 8 ).
(B) (4 , 0 , 3 ) , ( 5 , 0 ) , ( 6 , 0 , 2).
(C) (1, 1),(2,1) ,(3, 0 ,3) ,(4 , 1) ,( 6 , 0 , 2) ,(7 , 1 ).
(D) ( 3 , 0 ,3 ) , ( 6 , 0 ,2 ).
Answer :  C.


Sorting

Sorting:

What will you do if you were asked to search for a particular telephone number in a directory.
You will ask for the surname of the particular person and as the directory is sorted in an ascending order of alphabets, it will not be difficult to find the telephone number.
But if the case is reverse , you know the phone number and you wish to find the name of the person using the telephone directory , will it be easy like the first case.
One would have to search the entire directory sequentially for this purpose.
This example illustrates how difficult it is to search , if the contents or objects cannot be accessed in sorted order .
Data cannot be retrieved efficiently if it is not placed in a particular format.
To convert an unsorted list of data items into an ordered list is known as sorting.
There are searching methods , like the binary search, which require the data to be sorted .
We can define sorting as arrangement of elements in a list according to the increasing or decreasing (ascending/descending) value of each element.
There are many programs and processes in the computer , which require sorted data .
Every time there is new entry , sorting is done and it is put in its proper position.
A computer on an average spends 25 to 40% of its time in sorting .
The only way to search any element in an unordered list is to perform sequential search.
If we have a list having thousands of records then this sequential search will take a very large amount of time to search a given element.
The worst part comes when you search the whole list for a particular record, only to find that it does exist.
Sorting is one of the most important operations to be performed on the list.
The elements in the list may contain single values or records.
Sorting process should be done using minimum amount of time .
There has been much work done to find optimal algorithms to perform sorting under various environments.
Most of the algorithms are sophisticated and lack clarity , but the time factor is so critical that clarity can be sacrificed for it.
Sorting is classified into two categories depending on the environment.


Internal Sorting::
This type of sorting is used when the list does nto contain a large number of elements.
When sorting is done by this method , all the records to be sorted are present in the main memory.

External Sorting::
In this type of sorting , it is not possible to store all the records in the main memory of the computer .
They are stored on devices such as tapes and disks.
Then they are brought into the memory part by part and sorted .
The final list is in sorted order.
There are separate algorithms designed for this purpose .
We will study the internal sorting algorithms.
Sorting again can be classified into two parts depending on whether the records are moved physically to their proper place or their proper position is indicated through some other means.
The following list is sorted using the swap technique:
Before sorting :
Location  : 1  2  3  4  5
Number : 21  12  9  2  40
After Sorting :
Location : 1  2  3  4  5
Number : 2  9  12  21 40

If the records are moved physically then time is required to swap the records .
This time will be very large if the individual records are huge in size.
Under such circumstances another method called as sort by address , is used .
In this method , there is an array of pointers points to its corresponding object in the list.


Unsorted list using the sort by address method
When sorting is performed the pointers,
which point to the respective elements, are
moved instead of the elements.The first pointer
will point to the record that should be the first
record after sorting.The physical position of
the records will not change.If we want to access
pointed to by the first pointer will look as shown
'5' and so on. The sorted list will look as shown'
in the figure. There are some basic operations,
which aarre performed , in all the sorting algorithm, viz ,comparison ,assignment and swap-
ping. Usually the execution of the sorting algorithm.
Space is another important factor in the list and on the length of the itself.

1) Use of storage space.
2) Use of  computer time.
3) Programming effort.
4) Statistical deviation.
Sorted array by the sort by address method
Let us study each of the factors and see how
they affect the efficiency.
1) Use of storage space.
A program requires very small amount of
space for itself in the mercury. In fact it is negligible as compared to the list to be sorted. The
given list of elements is stored in an array. There
list. The number of lists depends on the type of
array while some use the original list only. The
the original list.Once the sorting is completed,
Some algorithms use only the original list.The number of recursive calls made to the produce.

2)Use of computer time.
The major time is consumed by the various
operations like swapping , comparison and assignment. The time required also depends on
the number of objects present in the list. The
looping structure depends on the number of every critical factor in sorting.

3) Programming effort.
There are various methods used for sorting
A lot of programming effect is put in to find
new algorithms ,which require less time and
space. This require a lot of resesch and still
does not guarantee success. If space and time
are not restricted and the improvement in the
time and space factor is not very significant then
it is adives to us the advisable to take efforts
and find out a new alorithm.

Insertion Sort.
Let us consider an example and try to find
out how insertion sort works. After that,we will
code the algorithm.We have a list'A' of five
elements as follows:

List A: 4,3,2,0,1.
We will sort it in ascending order using insertion sort. We start from the first element 4,it
is the only element we have selected so far hence
it remains as it is. The next element is 3.

List A : 3,4,2,0,1.

Analysis.
The performance of insertion sort depends
on the initial ordering of the elements. There
are two for loops in the algorithm of insertion
sort.The first for loop is always executed for n
times, but execution of the elements. We
will the three cases viz. best, worse and
average case for insertion sort.

F(n)=1+1+.....+1=n=o(n)
While the worst case will be when the element are in the reverse order.The second for
loop will be executed in the following pattern.

F(n)=1+2+3+4...............+n=n(n-1) /2=
O (n2)

The average case will be as shown below:

F(n)=1/2 +2/2 +3/2+..........+n/2=n (n-1) 4=
O (n2)

We find that in insertion sort the proper position of the elements is found out first and
 then to place it there all the elements below it are moved one place below.
This cause swapping of elements .If there are a large number of elements in the array then this process will consume a lot of time .
As the complexity is n 2, if there are 10 elements then the complexity will be 100 and if this number increases to 100
then the complexity will be 10000.
Hence , we conclude that this method is suitable for lists containing 20 to 30 elements .
This technique is inefficient in moving elements their proper place.
A lot of time is consumed in swapping elements.

Selection sort:
Example :
List A: 4,3,2,0,1.

We want to sort in ascending order.
We will have to find out the smallest element in the whole list and place it in its proper position by swapping .
In the above list, we find that 0 is the smallest element and it should be placed in the first place .
However , the first place is occupied by 4 , hence the 4 and 0 are swapped . Now the list will look as follows:

List A: 0,3,2,4,1.

Now our list will be from the second element onwards i.e. 3,2,4,1.
We find the smallest element among them 1 is the smallest and it should be placed at the start of the list i.e. at the second position .
So 3 and 1 are swapped and the list will be as follow :
List A: 0,1,2,4,3

The next list to be checked will be from the third position until the end i.e. 2,4,3.
The smallest element is found out to be 2 and it is placed at its proper position.
Here we find that although 2 was in its proper position the process did not change.
Selection sort does consider the order in which the elements are placed initially.
Even if the element is in its proper position , it will be swapped with itself .
Now with the next iteration the list will be completely sorted 4 and 3 will be swapped with each other .
The final list will be as follow:
List A:0,1,2,3,4

We can define selection sort as an algorithm in which the successive elements are selected in order and placed into their
proper sorted position.

Entity Relationship Diagram

An Entity Relationship Diagram (ERD) is a visual representation of different data using conventions that describe how these data are related to each other.
 

ER Diagrams Usage:-
While able to describe just about any system, ER diagrams are most often associated with complex databases that are used in software engineering and IT networks. In particular, ER diagrams are frequently used during the design stage of a development process in order to identify different system elements and their relationships with each other. For example, an inventory software used in a retail shop will have a database that monitors elements such as purchases, item, item type, item source and item price.
 

History of ER Diagrams:-
ER diagrams are visual tools that are used in the Entity-Relationship model initially proposed by Peter Chen in 1976 to create a uniform convention that considers both relational database and network views. Chen envisioned the ER model as a conceptual modeling approach that views real world data as systems of entities and relationships. Entities are data objects that maintain different relationships with each other. Additionally, entities are also described further using attributes.
Since 1976, the ER model has been expanded and is sometimes used in business management, product development, and strategy formulations. However, database design remains its primary application.
 

Elements in ER diagrams :-
There are three basic elements in an ER Diagram: entity, attribute, relationship. There are more elements which are based on the main elements. They are weak entity, multivalued attribute, derived attribute, weak relationship and recursive relationship. Cardinality and ordinality are two other notations used in ER diagrams to further define relationships.
 

Entity :-
An entity can be a person, place, event, or object that is relevant to a given system. For example, a school system may include students, teachers, major courses, subjects, fees, and other items. Entities are represented in ER diagrams by a rectangle and named using singular nouns.
 

Weak Entity :-
A weak entity is an entity that depends on the existence of another entity. In more technical terms it can defined as an entity that cannot be identified by its own attributes. It uses a foreign key combined with its attributed to form the primary key. An entity like order item is  a good example for this. The order item will be meaningless without an order so it depends on the existence of order.
 

Attribute :-
An attribute is a property, trait, or characteristic of an entity, relationship, or another attribute. For example, the attribute Inventory Item Name is an attribute of the entity Inventory Item. An entity can have as many attributes as necessary. Meanwhile, attributes can also have their own specific attributes. For example, the attribute “customer address” can have the attributes number, street, city, and state. These are called composite attributes. Note that some top level ER diagrams do not show attributes for the sake of simplicity. In those that do, however, attributes are represented by oval shapes.
Attributes in ER diagrams, note that an attribute can have its own attributes ( composite attribute )
 

Multivalued Attribute :-
If an attribute can have more than one value it is called an multivalued attribute. It is important to note that this is different to an attribute having its own attributes. For example a teacher entity can have multiple subject values.
 

Derived Attribute :-
An attribute based on another attribute. This is found rarely in ER diagrams. For example for a circle the area can be derived from the radius.
 

Relationship :-
A relationship describes how entities interact. For example, the entity “carpenter” may be related to the entity “table” by the relationship “builds” or “makes”. Relationships are represented by diamond shapes and are labeled using verbs.
Recursive Relationship :-
If the same entity participates more than once in a relationship it is known as a recursive relationship. In the below example an employee can be a supervisor and be supervised, so there is a recursive relationship.
 

Cardinality and Ordinality :-
These two further defines relationships between entities by placing the relationship in the context of numbers. In an email system, for example, one account can have multiple contacts. The relationship in this case follows a “one to many” model. There are number of notations used to present cardinality in ER diagrams. Chen, UML, Crow’s foot, Bachman are some of the popular notations. Creately supports Chen, UML and Crow’s foot notations.
 

Benefits of ER diagrams : -ER diagrams constitute a very useful framework for creating and manipulating databases. First, ER diagrams are easy to understand and do not require a person to undergo extensive training to be able to work with it efficiently and accurately. This means that designers can use ER diagrams to easily communicate with developers, customers, and end users, regardless of their IT proficiency. Second, ER diagrams are readily translatable into relational tables which can be used to quickly build databases. In addition, ER diagrams can directly be used by database developers as the blueprint for implementing data in specific software applications. Lastly, ER diagrams may be applied in other contexts such as describing the different relationships and operations within an organization.
 

How to Draw ER Diagrams :-
Because ER diagrams are simple enough to understand, just about anyone can create them. However, two different ER diagrams describing the same system may still be radically different in terms of their simplicity, completeness, and efficiency at communicating the system. In other words, there are good ER diagrams and there are poor ones.
Because this ER tutorial focuses on beginners below are some tips that will help you build effective ER diagrams:
1.    Identify all the relevant entities in a given system and determine the relationships among these entities.
2.    An entity should appear only once in a particular diagram.
3.    Provide a precise and appropriate name for each entity, attribute, and relationship in the diagram. Terms that are simple and familiar always beats vague, technical-sounding words. In naming entities, remember to use singular nouns. However, adjectives may be used to distinguish entities belonging to the same class (part-time employee and full time employee, for example). Meanwhile attribute names must be meaningful, unique, system-independent, and easily understandable.
4.    Remove vague, redundant or unnecessary relationships between entities.
5.    Never connect a relationship to another relationship.
6.    Make effective use of colors. You can use colors to classify similar entities or to highlight key areas in your diagrams.


How to Create an Entity Relationship Diagram

Here are some best practice tips for constructing an ERD:

    Identify the entities. The first step in making an ERD is to identify all of the entities you will use.
 An entity is nothing more than a rectangle with a description of something that your system stores information about.
 This could be a customer, a manager, an invoice, a schedule, etc. Draw a rectangle for each entity you can think of on your page.
Keep them spaced out a bit.
    ERD entities

    Identify relationships. Look at two entities, are they related? If so draw a solid line connecting the two entities.

    Describe the relationship. How are the entities related? Draw an action diamond between the two entities on the line you just added.
 In the diamond write a brief description of how they are related.

    Add attributes. Any key attributes of entities should be added using oval-shaped symbols.

    Complete the diagram. Continue to connect the entities with lines, and adding diamonds to describe each relationship
 until all relationships have been described. Each of your entities may not have any relationships, some may have multiple relationships.

Sunday, January 29, 2017

Health Tips (weight of men and women according to height)

Health tips:

Height and weight chart

Men
Height             Weight
Cms                   Kgs
157.5           53.5 - 57.1
160.0           54.8 - 60.3
162.5           56.2 - 61.6
165.0           57.8 - 63.0
167.5           59.0 - 64.8
170.0           60.7 - 66.6
172.5           62.6 - 68.9
175.0           64.4 - 70.7
178.0           66.2 - 72.5
180.0           68.0 - 74.8
183.0           69.8 - 77.1
185.5           71.6 - 79.3
188.0           73.4 - 81.6
190.5           75.7 - 83.9
193.0           78.0 - 86.1

*****************************
&&&&&&&&&&&&&&&&&&
*****************************

Women
Height             Weight
Cms                   Kgs
147.5           43.5 - 48.5
150.0           44.4 - 49.9
152.5           45.8 - 51.2
155.5           47.1 - 52.6
157.5           48.5 - 53.9
160.0           49.9 - 55.3
162.5           51.2 - 57.1
165.0           52.6 - 58.9
167.5           54.4 - 61.2
170.0           56.2 - 63.0
172.5           58.0 - 64.8
175.0           59.8 - 66.6
178.0           61.6 - 68.4
180.0           63.5 - 70.3
183.0           65.3 - 72.1

Benefits of eating jawar in our diet for good health eat jowar

 for good health diet eat jowar
ज्वारी
=====
आपल्या जेवणामध्ये प्रामुख्याने पुरी, चपाती, नान किंवा पराठ्याचा समावेश असतो. रोज तेच खातायना मग आता ज्वारीच्या भाकरीची चव चाखा. ज्वारीची भाकरी ही पचण्यास अतिशय सोपी असते. ती मध्यम तीव्रतेच्या फ्लेमवर भाजली जाते आणि आरोग्याच्यादृष्टीने अतिशय गुणकारी ठरते. त्यामुळे रोज नाही पण आठवड्यातून किमान दोन-तीन वेळा तरी ज्वारीच्या भाकरीचा आहारात समावेश करावा. रजोवृद्धीच्या काळात ज्वारीची भाकरी आणि ज्वारीपासून बनवलेले पदार्थ खाल्ल्यास हार्मोन्सचे असंतुलन होण्याची समस्या निर्माण होत नाही. ज्वारीचे पदार्थ खाल्ल्याने ब्रेस्ट कॅन्सर नियंत्रणात राहतो, असे अभ्यासावरून सिद्ध झाले आहे. ज्वारीच्या भाकरीचे अनेक गुणधर्म आहेत, ज्यामुळे आपणास नक्कीच फायदा होणार आहे. त्यामुळे शक्‍यतो ज्वारीचा आहारात समावेश करुन घ्याच.
ज्वारीमध्ये कार्बोहायड्रेट्‌सचे प्रमाण जास्त असल्याने शरीरास पटकन ऊर्जा मिळते. कमी खाऊनही पोट भरल्याची जाणीव होते. ज्वारीमध्ये असणाऱ्या अमिनो ऍसिड्‌समधून शरीरास मुबलक प्रोटीन्स मिळतात. तसेच फायबर्स असल्याने सहज पचन होते. बद्धकोष्ठतेचा त्रास असणाऱ्या व्यक्तींनी ज्वारीची भाकरी खाण्याची सवय लावून घ्यावी. त्यामुळे मूळव्याधाचा त्रास होत नाही. तसेच ज्यांना किडनी स्टोनचा त्रास टाळायचा असेल त्यांनी नक्कीच ज्वारीची भाकरी आहारात आणावी. ज्वारीतील पोषणतत्त्वामुळे किडनी स्टोनला दूर ठेवता येते.
ज्वारीमध्ये असणाऱ्या निऍसिनमुळे रक्तातील कॉलेस्ट्रॉलची पातळी कमी होते. तसेच ज्वारीमधील फायटो केमिकल्समुळे हृद्यरोग टाळता येतात. ज्वारीमधल्या पोटॅशिअम, मॅग्नेशिअम आणि मिनरल्समुळे ब्लडप्रेशर नियंत्रणात राहते. भाकरीत लोह मोठ्या प्रमाणात असते. ऍनिमियाचा त्रास असणाऱ्या व्यक्तींनी ज्वारीची भाकरी खाल्ल्यास त्यांना फायदा होतो. लाल पेशींची वाढ होण्यास मदत होते.
ज्वारीचे फायदे -
1) ज्वारीत असणाऱ्या तंतुमय पदार्थांमुळे पोट साफ राहते.
2) ज्वारी पचनास सुलभ असल्यामुळे आजारी व्यक्तीस दूध भाकरी फायदेशीर ठरते.
3) ज्वारीमुळे पोटाचे विकार कमी होतात.
4) रक्तवाहिन्यांतील कोलेस्टेरॉलची पातळी कमी करण्यासाठी ज्वारी उपयुक्त आहे.
5) हृदयासंबंधित आजारात ज्वारी अतिशय उपयोगी आहे.
6) शरीरातील इन्शुलिनची उत्पादकता कायम, योग्य प्रमाणात व कार्यक्षम ठेवण्यास मधुमेह असणाऱ्यास, तसेच इतरांनाही ज्वारीचा वापर उपयुक्त ठरतो.
7) शरीरातील अतिरिक्त चरबी, वजन कमी करण्यासाठी, कातडीचे आजार, जठरातील आम्लता कमी करण्यास उपयोगी.
8) महिलांच्या गर्भाशयाचे आजार, प्रजोत्पादन संस्थेचे विकार असणाऱ्यांना ज्वारी उपयोगाची आहे.
9) ज्वारीत काही घटक कर्करोगावर नियंत्रण आणतात.
10) शौचास साफ होणे, कावीळ रुग्णास उपयोगी आहे.
ज्वारीच्या पिठाची भाकर, थालीपीठ, धपाटे, उपमा, खानदेशात कळण्याच्या (ज्वारी व उडीद एकत्र दळून केलेले पीठ) पिठाची भाकरी, ज्वारीचे पापड, बिबडे, पाने, लाह्या, लाह्यांच्या जाडसर पिठाचे गोड पदार्थ, ज्वारी पीठ आंबवून केलेले धिरडे असे अनेक पारंपरिक पदार्थ आवर्जून आवडीने तयार केले जातात.
ज्वारीपासून रवा, लाह्या, पीठ, मिश्रधान्य पीठ, कळणा पीठ, हुरडा, पोहे, पास्ता, पापड, केक, बिस्कीट, कुकीज, ब्रेड, बन, बाल आहार, सिरप व साखर (गोड ज्वारीपासून) भरडा, मोड आणून बनविलेले पीठ (मालट फ्लोअर) हे पदार्थ तयार करता येतात. ज्वारीमधील पोषकद्रव्ये पाहता ज्वारीचा आहारात उपयोग केल्यास आहारातील पोषकमूल्यांचे संतुलन योग्य ठेवण्यास मदत होते. ज्वारीचे पीठ, रवा, शेवया, पास्ता, बेकरीचे पदार्थ, पोहे, लाह्या तयार करण्याचे तंत्र कृषी विद्यापीठ, अन्न तंत्र विभाग, प्रक्रिया विभाग, संशोधन केंद्रांनी विकसित केले आहे.
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Benefits of drinking water in copper vessel , तांब्याच्या भांड्यातील पाणी पिल्याने शरीराला होणारे फायदे

तांब्याच्या भांड्यातील पाणी पिल्याने शरीराला होणारे फायदे

● भाग 1
□हेल्दी स्किन
दररोज रात्री तांब्याच्या भांड्यात पाणी भरून ठेवावे आणि सकाळी फ्रेश झाल्यावर ते पिल्याने त्वचेशी संबधीत सर्व समस्या दूर होतात,त्याच बरोबर त्वचा,चेहरा उजळतो
● भाग-2
□ सांध्यांना आराम
दररोज सकाळी संध्याकाळी तांब्याच्या भांड्यात पाणी प्याल्याने सांधे दुखी कमी होते,सांध्यांना मोठ्या प्रमाणात आराम मिळतो.
● भाग-3
□ वजन कमी करण्यास सहाय्यभूत
दररोज सकाळी संध्याकाळी तांब्याच्या भांड्यात पाणी प्याल्याने शरीरातील एक्सट्रा फॅट कमी होतात आणि एक्सट्रा फॅटची वाढ न झाल्याने वजन वाढत नाही.
● भाग-4
□ बॅक्टेरिया नष्ट होतात
तांब्यामध्ये अँटी बॅक्टेरिया गुण असतात,या मध्ये पाणी ठेवल्यास बॅक्टेरिया नष्ट होतात,आणि डायरिया,अतिसार,कावीळ यांचा धोका टळतो
● भाग-5
□ कॅन्सरचा धोका कमी होतो
तांब्याच्या भांड्यातील पाण्यामध्ये अँटी ऑक्सिडेंटस् पर्याप्त प्रमाणात असतात,जे कॅन्सरशी लढण्यात सहाय्यक ठरतात,त्यामुळे कॅन्सरचा धोका कमी होतो.
● भाग-6
□ जखम ठिक होते
तांब्यामध्ये असलेले अँटी बॅक्टेरियल गुण जखम ठिक करण्यास मदत करतात,एखादी जखम झाल्यास रोज तांब्याच्या भांड्यातील पाणी प्यावे
● भाग-7
□ थायरॉईडचा धोका कमी होतो
तांब्यामधील कॉपर थारोक्सिन हार्मोनला संतुलित ठेवते, त्यामुळे थायरॉईडचा धोका दूर होतो.
● भाग-8
□ हृदय मजबूत होते
तांब्याच्या भांड्यात ८ ते १० तास ठेवलेले पाणी प्याल्याने कोलेस्ट्रॉल लेव्हल नियंत्रणात राहते आणि हृदय मजबूत होते
● भाग-9
□ अँसिडीटी नष्ट होते
तांब्याच्या भांड्यात कमीतकमी ८ ते १० तास ठेवलेले पाणी प्याल्याने शरीरातील अँसिडीटी आणि गॅस दूर होऊन पचनक्रिया ठिक राहते.
● भाग-10 शेवटचा
□ रक्त वाढण्यास मदत होते
तांब्याच्या भांड्यातील पाणी नियमित पिण्याने तांब्या मधील कॉपर रक्ताची कमतरता दूर करते,त्यामुळे अँनिमियाचा धोका टळतो.

उत्तम आरोग्यासाठी १४० मौलिक सूचना.

उत्तम आरोग्यासाठी १४०  मौलिक सूचना.

१. दररोज न चुकता ३० मिनिटे शास्त्रोक्त पद्धतीने चालायाला जा . (लक्षात असू द्या “चालला तो चालला,थांबला तो संपला”)

२. दररोज कोणतेही एकतरी फळ खावे. (खास करून सफरचंद,संत्रे,केळे,पपई,सीताफळ,आवळा यापकी एखादे)

३. दररोज सकाळी अनुशापोटी कोमट पाण्यात एक चमचा लिंबाचा रस व एक चमचा मध घालून प्या.

४. प्रक्रिया केलेले पदार्थ खाण्याऐवजी शक्यतो पूर्ण जेवण करा.

५. कृत्रिम रंग व गोडी आणणारी साखर यांचा वापर करून केलेले घन / द्रव पदार्थ खाणे टाळा. 

६. दुपारचे व रात्रीचे जेवणाची सुरुवात सॅलेड खाण्याने करा. 

७. दिवसातून दोन वेळा ३ ते ५ मिनिटे दीर्घ श्वास घेण्याचा  प्रघात ठेवा.

८. रात्री शांत झोप लागण्यासाठी ,झोपण्यापूर्वी मनाचा थकवा जाऊन मन प्रसन्न  व्हावे यासाठी दोन मिनिटे एखाद्या सुगंधाचा भरभरून वास घ्या.

९. रात्री झोपण्यापूर्वी अर्धी मूठ आक्रोड खा.

१०. दिवसभर थोड्या थोड्या वेळाने भरपूर पाणी प्या. (दिवसातून किमान 5 लीटर)

११. सकाळी १०-१५ मिनिटे शुद्ध हवा व सूर्याचे कोवळे ऊन घ्या.

१२. दररोज १०-१५ मिनिटे जॉगिंग  करा.

१३. दररोज १०-१५ मिनिटे पळा. (जागच्या जागी सुद्धा चालेल)

१४. जेवणातील पदार्थात भरपूर विविधता असू द्या,(म्हणजे प्रमाण जास्त नको तर जास्त पौष्टिक असावे)

१५.  शांत चित्ताने हळूहळू संथपणे नीट चाऊन खा. (वाघ मागे लागल्यासारखे भराभरा न चावता नुसते गिळू नका)

१६. दोन जेवणाचे मध्ये छोटा उपहार घ्या.

१७. जीवनात नेहमी आनंद व हास्य असू द्या.

१८.  सकाळची न्याहरी घेणे कधीच चुकवू नका.

१९. रात्रीची झोप किमान सात तास घ्या.

२०. रात्रीची झोपण्याची वेळ काटेकोरपणे पाळा.  (शक्यतो रात्री १० वाजता झोपावे)

२१. आहारात तंतुमय (Fibber) पदार्थांचा वापर वाढवा.

२२. जेवणात रसरशीत नैसर्गिक रंग असलेले अन्न-पदार्थ असू द्या.

२३. योगासन वर्ग लावा व योगासने करा. किमान बारा सूर्य नमस्कार घाला.

२४. प्रेम व आनंद देणार्याै व्यक्ति सदैव तुमच्या सभोवताली असतील याची दक्षता घ्या
.
२५. लक्षात ठेवा आरोग्याला चांगले असणारे पदार्थ जिभेला आवडतीलच असे नव्हे.

२६.  दोन वेळा ‘ग्रीन’ चहा प्या.

२७. घाम येईल इतका व्यायाम करा.

२८. आर्थिक तणाव टाळण्यासाठी किमान एक वर्षाच्या खर्चाला पुरेल एव्हढी रक्कम सेव्हिंग करा.

३०. आठवड्यातून दोनदा तरी ३० मिनिटे पुलअप – पुशअप व्यायाम करा.

३१.  जेवणापुर्वी अर्धा तास अर्धी मूठ शेंगदाणे खा.

३२. वर्षातून एकदा ट्रेडमिल टेस्ट करून घ्या.
३३. एक घास बत्तीस वेळा चाऊन खा.

३४.  ‘ड’ जीवनसत्वयुक्त पूरक आहार (supplementary) घ्या.

३५. जेवणात दोन चमचे गाईचे तूप वापरा.

३६. म्हशीच्या दुधात जास्त स्निग्धांश असलेल्या दूचे ऐवजी  गाईचे कमी स्निग्धांश असलेले दूध वापरा.

३७. सकाळच्या न्याहरीत भाजणीचे थालीपीठ,सांजा,पोहे,भाज्याचे पराठे असे सकस व पौष्टिक पदार्थ  असावेत.

३८.  जेवणासोबत कृत्रिम थंड पेये घेणे टाळा.(कोका कोळा,थम्सअप,लीम्का इत्यादी.)

३९. जेवणापूर्वी हात-पाय  साबणाने स्वच्छ धुवा व निर्जंतुक करा.

४०. नेहमी गरम  व ताजे जेवण घेत जा.

४१. रोज थोडा आल्याचा छोटा तुकडा खा.

४२. रोज एक-दोन लसणाच्या कच्च्या पाकळ्या खा.

४३. साखरेचा वापर अतिशय कमी करा.

४४. पदार्थ बनवताना तेलाचा वापर शक्य तितका कमी करा. वरुन कच्चे तेल घेऊ नका. तळणीसाठी एकदा वापरलेले तेल पुन्हा वापरू नका

४५. एकाच प्रकारचे तेल न वापरता करडई,शेंगदाणा, सनफ्लॉवर,सोयाबीन,पाम,राईसब्रान,मोहरी,ऑलीव्ह अशी मिश्र तेल एकत्र करून वापरल्यास प्रत्येकातील काही चांगले गुणधर्म मिळून येतील.

४६. भातासाठी हातसडीचा किंवा बिनसडलेला  तांदूळ वापरा.

४७. गिरणीतून गहू दळून आणताना त्यात सोयाबीन घाला. (एक किलोला १०० ग्राम)

४८. सकाळी दोन खजुर,राजगिरा लाडू / रोल ,मोरावळा खावा.

४९. आहारात नाचणीचा समावेश करा.

५०. शक्य तितके मिठाचे प्रमाण कमी करा. भाजी, आमटी, पदार्थ अळणी वाटल्यास वरून मीठ घालून घेऊ नका.

५१.  जास्त खाणे टाळा . (लक्षात ठेवा “अति खाणे अन् मसणांत जाणे”)

५२.  झोपण्यापूर्वी किमान ३ तास आधी काहीही खाऊ नये / जेवू नये.

५३. जेवणानंतर शतपावली घाला . (शंभर पावले चाला)

५४. जेवणानंतर लगेच झोपू नका.

५५. आठवड्यातून एक वेळ उपवास करा.

५६. दिवसातून १० मिनिटे मौनव्रत पाळा.

५७. आठवड्यातून किमान एकदा मैदानी खेळ खेळा.

५८. दिवसातून एकदा अर्धा तास चांगल्या पुस्तकांचे वाचन करा.

५९. सकाळी आंघोळीनंतर दहा मिनिटे प्रार्थना करा.

६०. सकाळी आंघोळीनंतर दहा मिनिटे “ध्यान” (Meditation) करा.

६१. इतरांबरोबर स्वत:ची तुलना कधीही करू नका.

६२. तुमच्या आवडीचेच काम करा.

६३. नावडते काम / नोकरी ताबडतोब सोडा.

६४. सदैव तुमच्या कुटुंबियांच्या संपर्कात / सान्निद्ध्यांत रहा.

६५. मित्रांच्या सान्निद्ध्यांत रहा.

६६. रोज एका तरी व्यक्तीच्य
ा हिताचे / भल्याचे कृत्य करा.

६७. रोज एका तरी व्यक्तिला माफ करत जा.

६८. जेंव्हा दामल्यासारखे वाटेल तेंव्हा थोडी विश्रांति घ्या / आराम करा.

६९. मुक्तपणे जोरात हसा.

७०. धूम्रपान वर्ज्य करा.
७१. मद्यपान वर्ज्य करा.

७२. गुटखा / तंबाखू  आदी व्यसनांपासून  दूर रहा.

७३. पत्त्यांचा जुगार,मटका, रेस, अशा मार्गांपासून दूर रहा.

७४. आठवड्यातून काही वेळ निसर्गाच्या सान्निद्ध्यांत घालवा.

७५. सकाळी दंव पडलेल असतांना हिरवळीवरून अनवाणी चाला.

७६. जरूर असेल तेंव्हा मदत मागा.

७७. सकारात्मक विचार करा.
७८. नकारात्मक विचार प्रयत्नपूर्वक मनातून काढून टाका.

७९. लिफ्ट  वापर न करता जिन्यांचा वापर करा.

८१.दूध,अंडी,मासे,चीज,हिरव्या पालेभाज्या  अशा कॅलशियमयुक्त पदार्थांचा आहारात समावेश करा.

८२. हिरव्या पालेभाज्या , सॅलड ,कोशिंबीरी (यात मोड आलेली कच्ची कडधान्ये असावीत) भरपूर प्रमाणात खा.

८३. मोड आलेली कडधान्यांच्याउसळी करून खा. 

८४.  मधून मधून डोळे व चेहरा गार पाण्याने धुवा.

८५. वर्षातून एकदा ट्रीपला जाऊन येत जा.

८६. आरामदायी पादत्राणे वापरा.

८७. मुक्तपणे व आनंदाने नाचा.

८८. मुक्तपणे व आनंदाने गा.

८९. तडस लागेल इतके न जेवता पोटात जेव्हढी जागा (भूक) असेल त्याच्या  फक्त ८०% खा. (लक्षात ठेवा “दोन घास भुकी तो सुखी”)

९०. एखाद्या जवळच्या जुन्या मित्राशी / स्नेह्याशी वेळ काढून ५-१० मिनिटे फोनवर बोला.

९१. तुमच्या दातांची योग्य निगा राखा /काळजी घ्या. सकाळी व रात्री दोन वेळा ब्रशने दांत साफ करा.

९२. बागकामात मन रमवा.

९३. सूती व सैल कपडे वापरा,तंग कपडे वापरणे टाळा.

९४. नियमित पोहायला जा.

९५. स्वत:चा आत्म विश्वास वाढवा.

९६. जीवनाचा उद्देश व उद्दीष्ट लक्षात घेऊन जगा व जीवनातील आनंद लुटा.

९७. नियमितपणे मोकळ्या हवेत / बागेत फिरायला जात जा.

९८. नियमितपणे नाटक / सिनेमा / संगीताचा जलसा / व्याख्यान अशा अभिरुचीसंपन्न / मनोरंजन कार्यक्रमास अवश्य जा.

९९. तुम्ही दमला असाल तरीही रेटून काम न करता थोडा वेळ काढून आराम करा / विश्रांती घ्या.

१००. प्रकृतीच्या कारणाने कधी कधी कामास नकार द्यायला शिका.

१०१. तुमची प्रतिकारशक्ती वाढण्यासाठी मधाचा योग्य वापर करा.

१०३. आरोग्यासाठी स्वयंचलित वाहनाऐवजी सायकलचा वापर करा.

१०४. तुमच्या भावनिक समस्या इतरांजवळ व्यक्त करू नका.

१०५. नकारात्मक व्यक्तींना टाळा / तुमच्यापासुन दोन हात दूरच ठेवा .

१०६. एखाद्या समाजहिताच्या कार्यात स्वयंसेवक म्हणून काम करा.

१०७. नियमित रक्तदान करा.

१०८. समाजाचे ऋण मान्य करून परतफेड म्हणून सेवाभावी संस्थांना यथाशक्ती मदत करा.

१०९. साधी रहाणी व उच्च विचारसारणी ठेवा.

११०. एक नवी परोपकार वही चालू करून त्यांत रोज केलेल्या एका तरी परोपकाराची नोंद करत जा.

१११. पैशांची व अन्नाची  उधळपट्टी करू नका.

११२. लोणची,फरसाण असे खारवलेले पदार्थ जास्त खाऊ नका. त्यांत मोनोसाच्युरेटेड फॅटस् असतात जी आरोग्याला घातक असतात.

११३.भजी,वडे,कुरर्डया,पापड,पापड्या असे तेलकट पदार्थ जे आरोग्याला अपायकारक आहेत,कमी प्रमाणात खा. 

११४. मैदा, मैद्याचे आणि बेकरीचे बिस्किटे,केक असे पदार्थ कमी प्रमाणात खा.

११५. बाजारात  मिळणारे जंक व फास्ट फूड खाणे टाळा.

११६.श्रीखंड,बासुंदी,गुलाबजाम ,लाडू असे मिठाईचे गोड पदार्थ मोजकेच खा व मनावर संयम ठेवा.

११७. अतिरिक्त चहा,कॉफी, एरिएटेड थंड पेये न पिता रवी खालचे ताजे अदमुरे गोडसर ताक,लिंबू सरबत,सोलकढी, कोकम,ताज्या फळांचे रस प्या.

११८. शिळे,नासलेले ,आंबलेले अन्न व उतरलेली फळे खाऊ नका.

११९. बाजारात अस्वच्छ जागी उघड्यावर बनवलेले  पदार्थ खाऊ नका.

१२०. शेवग्याच्या शेंगा, कारली,कुळीथ,हादग्याचीफुले,अळू,पुदिना,कढीपत्ता,मेथी,मुळा, पालक,कांदापात, लसूणपात,गवार,सुरण,लिंबू,कोथिंबीर,,आले ह्या  व अशा अनेक हर्बल भाज्यांचा त्यांचे गुणधर्म लक्षांत घेऊन जेवणात जाणीवपूर्वक वापर करावा.

१२१. ऋतुमानानुसार आहारात योग्य बदल करत जावा.

१२२. शक्यतो शाकाहारच घ्यावा. मांसाहार वर्ज्य करावा.

१२३. जिभेला कायम लगाम घालून ताब्यात ठेवावे, तिचे जास्त चोचले पुरवत बसू नये. (लक्षात असू द्या की जीभ ज्याची आग्रहाने मागणी  करते ते नेहमीच आरोग्यास अपायकारक असते)

१२४. प्रकृतीस न झेपणारे उपास करू नयेत त्यांनी अपायच होतो.

१२५. उपासाचे दिवशी उपासाचे म्हणून आपण जे खातो ते नेहमीच पित्त वाढवणारे व प्रकृतीस अपायकारक असतात.

१२६. व्रत-वैकल्ये,उपास-तापास प्रमाणाबाहेर व प्रकृतीस न झेपतील  असे करू नयेत.

१२७. जेवणाच्या वेळा कटाक्षपूर्वक पाळाव्यात. ( नाहीतर अॅरसिडीटीचा त्रास होतो)

१२८. आपल्याला ज्याची अॅलर्जी आहे ते लक्षांत घेऊन असे पदार्थ आहारात टाळावेत.

१२९. नियमितपणे व वक्तशीर राहून डॉक्टरांच्या सल्ल्याने शारीरिक तपासण्या करून घेत जा.

१३०. तुमच्या व्याधींवर डॉक्टर
ांनी लिहून दिलेली औषधे / गोळ्या वेळचे वेळी न चुकता घेत जा व पथ्य पाळा.

१३१. तुम्ही स्वत:च घरच्या घरी मनाने किंवा डॉक्टरांचा सल्ला न घेता कोणतीही औषधे घेऊ नका.

१३२. मुदतबाह्य झालेली औषधे घेऊ नका.

१३३. टि.व्ही. समोर बसून जेवण घेणे बंद करा. कुटुंबियांसमवेत एका टेबलावर सर्व मिळून हास्य-विनोद करत जेवण घ्या.

१३४. संगणकावर काम करत असणारांनी लाकडी (पूर्वी सरकारी कार्यालयात होत्या तशी) खुर्ची वापरावी खुर्चीवर ताठ बसावे,संगणकाच्या पडद्या पासून किमान १८” अंतर ठेवावे व दर तासाने तोंडावर थंड पाण्याचा मारा करून व डोळे धुवून घ्यावेत व थोडे चालून यावे.

१३५. भ्रमणध्वनीचा (मोबाईलचा) अतिरिक्त वापर व वाहन चालवतांना वापर कटाक्षाने टाळावा.

१३६. पंखे,ए.सी. यांचा अनावश्यक वापर टाळावा.

१३७. शक्यतो थंड पाण्याने आंघोळ करणे उत्तम.

१३८. लवकर निजा व लवकर उठा. जागरणे करणे टाळा.

१३९.तेलकट,चमचमीत,मसालेदार,अत्यंत जहाल तिखट ,जास्त गोड अशा पदार्थांचे सेवन करू नये.

१४०. तुमच्या शारीरिक व्याधी लक्षात ठेऊन त्यानुसार पाथ्य-पाणी, औषधे याबाबत दक्षता घ्यावी

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