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Showing posts from June, 2024

अच्छे विचार करे विचार

  पहचान की नुमाईश, जरा कम करें... जहाँ भी "मैं" लिखा है, उसे "हम" करें... हमारी "इच्छाओं" से ज़्यादा "सुन्दर"... "ईश्वर" की "योजनाएँ" होती हैं... पहाड़ो पर बैठकर तप करना सरल है... लेकिन परिवार में सबके बीच रहकर धीरज बनाये रखना कठिन है, और यही सच्चा तप है... "ईश्वर" हमें कभी "सजा" नही देते... हमारे "कर्म" ही हमें "सजा" देते है.. हर "परिस्थिति" में "धैर्य" रखना... "ज्ञान" का सबसे बड़ा "संकेत" है.. "शांत" रहना सीखें... आपका "गुस्सा" किसी और की "जीत" है.. "सफलता" का "मुख्य आधार"... "सकारात्मक सोच" और "निरंतर प्रयास" है "चालाकी" चार दिन "चमकती" है... और "ईमानदारी" ज़िंदगी भर. "शरीर " का वजन बढ़े तो व्यायाम कीजिए... "मन " का बढ़े तो ध्यान कीजिए.. और "धन " का बढ़े तो दान कीजिए..

नाम जप

नाम जप करना जीवन में प्रभु को पाने का एक सुंदर मार्ग हैं,मन को नियंत्रित रखता है नाम जप। सरल और आसान लगता है पर उतना सहज नहीं है,आपको नाम जप हर समय करना है, ताकि एक पल आहे जब आप प्रभु से मिल जाय। नाम जप करते हुए प्रभु के बताए हुए मार्ग पर चलना है। मन में बहुत आतंक होगा, माया तुम्हे अपने पास खींच कर नाम जप से अलग करेगी। मन को एकाग्र करके शांत रखे। प्रभु पर विश्वास रखें। नाम जप ही जीवन में आने वाले कर्म को अच्छा करेगा। काम, क्रोध, लोभ, लालच, अहंकार, भय यह सब से परे होकर नाम जप करें। नाम जप में बहुत शक्ति होती है भक्ति करने की। आप भगवान राम जी के भक्त हनुमान जी को देखे हमेशा राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम नाम जप करते हैं । भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु जी की अराधना करते मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप करते है। भक्तों में सर्वश्रेष्ठ देवर्षि नारद भगवान विष्णु जी के निरंतर भगवद-गुणों  नारायण-नारायण नारायण-नारायण नारायण-नारायण नारायण-नारायण का जप करते है ।

Subtraction of numbers solved

 Subtraction of numbers from 1 to 10 in reverse order Magic of of maths in subtraction  1-10=-9 2-9=-7 3-8=-5 4-7=-3 5-6=-1 6-5=1 7-4=3 8-3=5 9-2=7 10-1=9

Addition in doubles

 Simple addition for children  1+1=2 2+2=4 4+4=8 8+8=16 16+16=32 32+32=64 64+64=128 128+128=256 256+256=512 512+512=1024 1024+1024=2048 2048+2048=4096 4096+4096=8192 8192+8192=16384 16384+16384=32768 32768+32768=65536 65536+65536=131072 131072+131072=262144 262144+262144=524288 524288+524288=1048576 1048576+1048576=2097152 2097152+2097152=4194304 4194304+4194304=8388608 8388608+8388608=16777216 16777216+16777216=33554432 33554432+33554432=67108864 67108864+67108864=134217728 134217728+134217728=268435456 268435456+268435456=536870912 536870912+536870912=1073741824 1073741824+1073741824=2147483648 2147483648+2147483648=4294967296 4294967296+4294967296=8589934592 8589934592+8589934592=17179869184 17179869184+17179869184=34359738368 34359738368+34359738368=68719476736 68719476736+68719476736=137438953472 137438953472+137438953472=274877906944

Four Vedas

 The time of the creation of the Vedas was 4500 BC. Veda is derived from the Sanskrit word, which means knowledge Four Vedas:  Rigveda,  Yajurveda,  Samaveda, and  Atharvaveda.  Rig-status, Yaju-transformation,  Sama-dynamic, and  Atharva-root.  Rik is also called Dharma, Yajuh is called Moksha,  Sama is called Kama, and Atharva is also called Artha.  On the basis of these, Dharmashastra, Arthashastra, Kamashastra, and Mokshashastra have been created.