Wednesday, September 14, 2016

सत नाम श्री वाहे गुरु

बहुत सुन्दर शब्द जो एक गुरुद्वारे के दरवाज़े पर लिखे थे :
यार से ऐसी यारी रख
दुःख में भागीदारी रख,
चाहे लोग कहे कुछ भी
तू तो जिम्मेदारी रख,
वक्त पड़े काम आने का
पहले अपनी बारी रख,
मुसीबते तो आएगी
पूरी अब तैयारी रख,
कामयाबी मिले ना मिले
जंग हौंसलों की जारी रख,
बोझ लगेंगे सब हल्के
मन को मत भारी रख,
मन जीता तो जग जीता
कायम अपनी खुद्दारी रख.

      👏सत नाम श्री वाहे गुरु👏


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श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी हमे सिखाते हैं...

*1- सुख वेले शुकराना*
      *2- दुख वेले अरदास*
            *3- हर वेले सिमरन*

और हम क्या करते हैं।।

*1- सुख वेले मिठाईयाँ*
      *2- दुख वेले दवाईयाँ*
            *3- हर वेले बुराईयाँ।।।*

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