Be happy. Keep Smiling ☺
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Smile ☺ is the best medicine of life.
Learn to always smile ☺
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Always with you to fascinate and feisty you.I'm blessed and I thank God for every day for everything that happens for me.
Wish you happy Akshay Tritiya अक्षय तृतीय ☺😊
🌷 अक्षय तृतिया 🌷
आशा आहे या मंगलदिनी आपल्या जीवनात नवचैतन्य येवो.
येणारे दिवस आपल्या जीवनात आनंद आणि सुख समाधान घेवून येवोत.
अक्षय तृतीयाच्यासर्वाना हार्दिक शुभेच्छा........! 🌹🌹🌹
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🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *आज का दिनांक - 28 अप्रैल 2017*
⛅ *दिन - शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2074*
⛅ *शक संवत -1939*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - सुबह 10:29 तक द्वितीया - सुबह 10:30 से तृतीया*
⛅ *नक्षत्र - कृत्तिका*
⛅ *योग - सौभाग्य*
⛅ *राहुकाल - सुबह 10:40 से दोपहर 12:48 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:11*
⛅ *सूर्यास्त - 19:01*
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - अक्षय तृतीया (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), त्रेता युगादि तिथि, अखा तीज, श्री परशुराम जयंती, बद्री-केदार यात्रा, श्री बसवेश्वर जयंती*
💥 *विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा गन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है एवं तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *अक्षय तृतीया* 🌷
➡ *28 अप्रैल 2017 शुक्रवार को सुबह 10:30 से 29 अप्रैल 2017 शनिवार को सुबह 06:55 तक तृतीया है ।*
😁 *'अक्षय' शब्द का मतलब है- जिसका क्षय या नाश न हो। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे 'अक्षय तृतीया' कहते हैं। भविष्यपुराण, मत्स्यपुराण, पद्मपुराण, विष्णुधर्मोत्तर पुराण, स्कन्दपुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है। इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है। इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है। पित्तरों का श्राद्ध कर धर्मघट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है। वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें।*
🙏 *स्कन्दपुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं। जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्यकर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है।*
🙏 *भविष्यपुराण के मध्यमपर्व में कहा गया है वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगाजी में स्नान करनेवाला सब पापों से मुक्त हो जाता हैं | वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणीयुक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृषराशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है | विशेषरूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देनेसे अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पुरसे युक्त जलदान करनेवाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्मलोक में पूजित होता हैं | यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करनेसे अनंत फल प्राप्त होता हैं |*
🌷 *अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।*
*तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।*
*उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।*
*तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।। – मदनरत्न*
🙏*अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठरसे कहते हैं, हे राजन इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियोंने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है । इस तिथि पर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरोंकी गतिके लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती हैं ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व, अध्याय 21* 🌷
🙏*वैशाखे मासि राजेन्द्र तृतीया चन्दनस्य च ।वारिणा तुष्यते वेधा मोदकैर्भीम एव हि । ।दानात्तु चन्दनस्येह कञ्जजो नात्र संशयः । । यात्वेषा कुरुशार्दूल वैशाखे मासि वै तिथिः ।तृतीया साऽक्षया लोके गीर्वाणैरभिनन्दिता । । आगतेयं महाबाहो भूरि चन्द्रं वसुव्रता ।कलधौतं तथान्नं च घृतं चापि विशेषतः । ।यद्यद्दत्तं त्वक्षयं स्यात्तेनेयमक्षया स्मृता । । यत्किञ्चिद्दीयते दानं स्वल्पं वा यदि वा बहु ।तत्सर्वमक्षयं स्याद्वै तेनेयमक्षया स्मृता । ।योऽस्यां ददाति करकन्वारिबीजसमन्वितान् ।स याति पुरुषो वीर लोकं वै हेममालिनः । ।इत्येषा कथिता वीर तृतीया तिथिरुत्तमा ।यामुपोष्य नरो राजन्नृद्धिं वृद्धिं श्रियं भजेत् । ।*
🙏 *अर्थ : वैशाख मास की तृतीया को चन्दनमिश्रित जल तथा मोदक के दान से ब्रह्मा तथा सभी देवता प्रसन्न होते हैं | देवताओं ने वैशाख मास की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा है | इस दिन अन्न-वस्त्र-भोजन-सुवर्ण और जल आदि का दान करनेसे अक्षय फल की प्राप्ति होती है | इसी तृतीया के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है वह अक्षय हो जाता है और दान देनेवाला सूर्यलोक को प्राप्त करता है | इस तिथि को जो उपवास करता है वह ऋद्धि-वृद्धि और श्री से सम्पन्न हो जाता है |*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
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पहचान की नुमाईश, जरा कम करें... जहाँ भी "मैं" लिखा है, उसे "हम" करें... हमारी "इच्छाओं" से ज़्यादा "सुन...